
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। विभिन्न विभागों के प्रस्तावों पर चर्चा के बाद सरकार ने कर्मचारियों और जनहित से जुड़े कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई।
कर्मचारियों के लिए राहत
कैबिनेट ने राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति से संबंधित अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव से अब कर्मचारियों को पदोन्नति में और आसानी होगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग में बड़ा निर्णय
बैठक में महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली 2021 में संशोधन को स्वीकृति दी गई। पहले सुपरवाइजर के पद 50% सीधी भर्ती, 40% आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 10% मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पदोन्नति से भरे जाते थे।
अब केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत सभी मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण केंद्रों में अपग्रेड किया जाएगा, जिससे मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का 10% कोटा समाप्त कर दिया गया है। यह कोटा अब आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के पदोन्नति कोटे में जोड़ दिया गया है, जिससे पदोन्नति कोटा 40% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है।
रायपुर क्षेत्र में निर्माण को मिली अनुमति
कैबिनेट ने रायपुर और उसके आसपास के फ्रिज जोन क्षेत्रों में संशोधन करते हुए अब छोटे घरों (लो डेंसिटी हाउस) और छोटी दुकानों के निर्माण की अनुमति दे दी है। इसके मानक आवास विकास विभाग द्वारा तय किए जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग में संशोधन
कैबिनेट ने स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सेवा नियमावली में भी संशोधन को मंजूरी दी है। अब ये कर्मचारी 5 साल की संतोषजनक सेवा के बाद जीवन में एक बार पारस्परिक स्थानांतरण कर सकेंगे।
स्थानांतरण के बाद उन्हें नए जिले के कैडर में सबसे जूनियर माना जाएगा। साथ ही, विभाग द्वारा तय मानकों के अनुसार पर्वतीय से पर्वतीय और मैदानी से पर्वतीय क्षेत्रों में भी ट्रांसफर किया जा सकेगा।
समान नागरिक संहिता (UCC) में संशोधन
कैबिनेट ने ऑनलाइन विवाह पंजीकरण प्रक्रिया में बदलाव को मंजूरी दी है। अब आधार कार्ड के साथ-साथ नेपाल, भूटान और तिब्बती मूल के नागरिकों के लिए उनके देश के अधिकृत मिशन द्वारा जारी प्रमाणपत्र को भी मान्यता दी जाएगी।
अन्य प्रमुख निर्णय
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मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में किए गए विधानसभा सत्रावसान के निर्णय को कैबिनेट के संज्ञान में लाया गया।
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राज्य स्थापना की रजत जयंती वर्ष पर विशेष सत्र बुलाने की तिथि तय करने का अधिकार मुख्यमंत्री को सौंपा गया।
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राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) को अब कर के बाद के लाभ (Profit After Tax) का 15% हिस्सा राज्य सरकार को अनिवार्य रूप से देना होगा।