
रुद्रपुर। जिले में सरकारी जमीन पर वर्षों से कब्जा जमाए लोगों को अब प्रशासनिक कार्रवाई के तहत बेदखल किया जाएगा। इस क्रम में सीलिंग की जमीन का तहसीलवार सर्वे शुरू हो गया है। सर्वे पूरा होने के बाद प्रशासन अतिक्रमण हटाकर कब्जा लेगा।
सर्वे की प्रक्रिया
जिले में हजारों लोग सीलिंग की जमीन पर कब्जा किए हुए हैं, जिनमें कच्चे और पक्के भवन शामिल हैं। डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने निर्देश दिए कि सर्वे कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की जाए। इसके तहत सर्वे का कार्य एडीएम कौस्तुभ मिश्रा को सौंपा गया।
सर्वे का काम तहसीलवार किया जा रहा है। सितारंगज का सर्वे पूरा होने के बाद बुधवार को बाजपुर में कलेक्ट्रेट में तहसीलवार सर्वे किया गया। तहसीलदार और प्रशासनिक टीम नक्शों के साथ पहुंचकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है।
कोर्ट मामलों में मजबूत पैरवी
एडीएम कौस्तुभ मिश्रा ने बताया कि कोर्ट में चल रहे मामलों में विधिक राय लेकर मजबूत पैरवी की जाएगी। सर्वे के बाद ही सीलिंग की जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होगी।
सीलिंग की जमीन क्या होती है?
सीलिंग विशेष भूमि होती है, जो किसी व्यक्ति या परिवार के पास कानूनी रूप से निर्धारित अधिकतम सीमा तक होती है। अतिरिक्त भूमि पर सरकार हमेशा कब्जा कर सकती है। इसके तहत भूमिहीन परिवारों को खेती के लिए पट्टा भी दिया जा सकता है।
अब तक खाली कराई गई जमीन
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ढाढ़ा में: 70 एकड़
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प्रयागफार्म में: 1900 एकड़
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किच्छा के बखपुर में: 100 एकड़
कौस्तुभ मिश्रा ने बताया कि सितारंगज और किच्छा से सैकड़ों एकड़ जमीन कब्जा मुक्त कराई जा चुकी है। सर्वे के दौरान तहसीलदारों के साथ नक्शे का अध्ययन कर पूर्ण रिपोर्ट तैयार की जा रही है।