
देहरादून। उत्तराखंड पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) की याचिका खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि जिन प्रत्याशियों के नाम एक से अधिक मतदाता सूचियों में दर्ज हैं, वे चुनाव नहीं लड़ सकते। साथ ही कोर्ट ने आयोग पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
मामला तब उठा जब एसईसी ने एक परिपत्र जारी कर ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी थी। हाईकोर्ट ने इस सर्कुलर को उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 के विरुद्ध मानते हुए रोक लगा दी थी। इसके बाद आयोग ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने सुनवाई के दौरान आयोग को फटकार लगाते हुए कहा कि वैधानिक प्रावधानों के विपरीत निर्णय नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आयोग का परिपत्र अधिनियम की धारा 9(6) और (7) के खिलाफ है।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में कई उदाहरण दिए गए थे जहां उम्मीदवारों के नाम एक से अधिक सूचियों में शामिल होने के बावजूद उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दी जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए आयोग की दलीलें खारिज कर दीं और 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
यह फैसला न केवल चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा, बल्कि आयोग को भी भविष्य में वैधानिक प्रावधानों के अनुरूप ही निर्णय लेने का संदेश देगा।