
लेह। लद्दाख में हालात अचानक बिगड़ गए हैं, क्योंकि नई पीढ़ी—खासकर Gen Z—ने अब खुलकर केंद्र सरकार से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग शुरू कर दी है। छात्रों का आरोप है कि 2019 में जब लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, तब विशेष अधिकार और संवैधानिक सुरक्षा देने का वादा किया गया था। छह साल बाद भी वादे अधूरे रहने पर उनका गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा है और आंदोलन धीरे-धीरे तेज हो रहा है।
सोनम वांगचुक के समर्थन में छात्र, पहचान और पर्यावरण की चिंता
यह विरोध प्रदर्शन पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में हो रहा है। वांगचुक लंबे समय से लद्दाख की पारिस्थितिकी और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि राज्य का दर्जा न मिलने पर लद्दाख की संस्कृति, भाषा और पर्यावरण पर गंभीर संकट आ सकता है। उनका मानना है कि स्थानीय लोगों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व और संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है, वरना क्षेत्र की अनूठी पहचान खत्म हो जाएगी।
लेह में झड़प, सीआरपीएफ की गाड़ी को लगाई आग
मंगलवार को लेह में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद माहौल गरमा गया। नाराज छात्रों ने सीआरपीएफ की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया, जिससे तनाव और बढ़ गया। चश्मदीदों के मुताबिक, छात्र लगातार “लद्दाख को राज्य बनाओ” और “वादाखिलाफी बंद करो” के नारे लगा रहे थे।
Protest escalates into violent clashes with police in Leh as demonstrators enforced a shutdown to protest the Union Government and UT administration’s failure to honor a four-point agreement.
People rallied in support of Sonam Wangchuk, whose hunger strike reached its 15th day.… pic.twitter.com/KmeNA5hmFW
— Ieshan Wani (@Ieshan_W) September 24, 2025
प्रशासन सतर्क, अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात
झड़प के बाद प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल और सीआरपीएफ की तैनाती कर दी है। सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं ताकि किसी बड़े हादसे को रोका जा सके। छात्र नेताओं ने स्पष्ट किया कि आंदोलन फिलहाल शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन सरकार ने यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और उग्र हो सकता है। अब आम नागरिक और स्थानीय संगठन भी इसमें जुड़ने लगे हैं, जिससे केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
Clashes erupted in Leh. Noted environmental activist #SonamWangchuk along with others is on hunger strike from last 15 days demanding constitutional guarantees.#LehVisuals pic.twitter.com/E1wPzYgebP
— Siddhant Anand (@JournoSiddhant) September 24, 2025
स्थानीय संगठनों और विपक्ष का मिला समर्थन
कई सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों ने छात्रों की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि राज्य का दर्जा मिलने से न केवल लद्दाख की पहचान और संसाधनों की सुरक्षा होगी, बल्कि रोज़गार और विकास से जुड़े मुद्दों का समाधान भी बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।
राजनीतिक हलचल तेज, केंद्र पर दबाव
लद्दाख का यह मुद्दा अब राष्ट्रीय राजनीति में भी गूंजने लगा है। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा नेताओं ने कहा है कि सरकार लद्दाख की जनता की भावनाओं का सम्मान करती है और समाधान की दिशा में काम कर रही है। हालांकि, अब तक कोई औपचारिक घोषणा न होने से स्थानीय असंतोष और बढ़ गया है।