
यूपी के फतेहपुर में मकबरे को मंदिर बताने का मामला हिंसक बवाल में बदल गया। भाजपा नेता और हिंदूवादी संगठनों के आह्वान पर सैकड़ों लोग जुटे और मकबरे में तोड़फोड़ की कोशिश की। पुलिस ने मौके पर मौजूद कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिनमें ज्यादातर भाजपा से जुड़े हैं, जबकि सपा का एक नेता भी आरोपी बनाया गया है।
घटना के बाद पुलिस ने उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई की। एफआईआर में बीजेपी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कई पदाधिकारियों के नाम शामिल हैं—जिनमें पुष्पराज पटेल, प्रसून तिवारी, धर्मेंद्र सिंह, अभिषेक शुक्ला, आशीष त्रिवेदी, ऋतिक पाल, विनय तिवारी, अजय सिंह उर्फ रिंकू लोहारी और देवनाथ धाकड़े शामिल हैं।
सपा से जुड़े पप्पू सिंह चौहान का नाम भी एफआईआर में दर्ज है। आरोप है कि वह भी बवाल में शामिल थे। सपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप सिंह ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाकर निष्कासित कर दिया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाया। वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह खुद लोगों को बुलाने और पूजा करवाने की बात कहते दिख रहे हैं। हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी ने भी दावा किया कि वह वहां पूजा के लिए गए थे, क्योंकि “यह ठाकुर जी का मंदिर है, न कि मकबरा।” हालांकि, इन दोनों का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है।