
पाकिस्तान ने हाल ही में दावा किया था कि उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय वायुसेना के तीन राफेल लड़ाकू विमानों को मार गिराया है। लेकिन अब इस दावे की पोल खुल गई है। राफेल बनाने वाली फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन और CEO एरिक ट्रापियर ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह दावा पूरी तरह से गलत और निराधार है।
राफेल की ताकत पर खुलकर बोले डसॉल्ट CEO
एरिक ट्रापियर ने राफेल की खूबियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह फाइटर जेट आज की दुनिया के सबसे बेहतरीन मल्टी-रोल लड़ाकू विमानों में से एक है। उन्होंने दावा किया कि राफेल अमेरिकी F-35 और चीन के सभी फाइटर जेट्स से कहीं ज्यादा शक्तिशाली और भरोसेमंद है।
“युद्ध में उद्देश्य अहम, नुकसान नहीं”
ट्रापियर ने कहा कि किसी भी युद्ध में मुख्य उद्देश्य होता है दुश्मन पर रणनीतिक जीत हासिल करना, न कि पूरी तरह ‘शून्य नुकसान’ सुनिश्चित करना। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में भी मित्र देशों को जान-माल का नुकसान हुआ था, लेकिन अंत में उन्होंने जीत हासिल की। अगर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में किसी विमान को नुकसान भी पहुंचा हो, तो असली मुद्दा यह है कि क्या भारत ने अपने मिशन को पूरा किया या नहीं।
क्या राफेल सबसे बेहतरीन फाइटर जेट है?
डसॉल्ट CEO ने माना कि राफेल अमेरिकी F-22 जैसे कुछ खास विमानों के मुकाबले में थोड़ा पीछे हो सकता है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यदि आपको एक ऐसा फाइटर चाहिए जो हर तरह के मिशन—जैसे एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, न्यूक्लियर स्ट्राइक और नेवल ऑपरेशन—को एकसाथ अंजाम दे सके, तो राफेल सबसे बेहतर विकल्प है।
‘ओम्नीरोल’ क्षमता ही राफेल की असली ताकत
एरिक ट्रापियर के मुताबिक, राफेल की ‘ओम्नीरोल’ यानी सभी भूमिकाओं में सक्षम होने की खूबी, इसकी सबसे बड़ी ताकत है। यही कारण है कि फ्रांस समेत कई देशों ने इसे अपनी वायुसेना में शामिल किया है।