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बच्चे की किलकारी सुनने को तरसे कान- पिता ने किया अपने बेटे पर मुक़दमा, या तो पोता-पोती दो वरना 5 करोड़ रूपए दो

Mehak Saudai by Mehak Saudai
May 12, 2022
in राज्य समाचार, हरिद्वार
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बच्चे की किलकारी सुनने को तरसे कान- पिता ने किया अपने बेटे पर मुक़दमा, या तो पोता-पोती दो वरना 5 करोड़ रूपए दो
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कहते है कि दादा-दादी अपने पोता-पोती को अपने बच्चो से भी ज्यादा प्यार करते है। यही कारण है कि दादा-दादी और पोता-पोती का रिश्ता सबसे अनमोल बताया गया है। पोता-पोती की चाह में एक बुजुर्गी दम्पत्त्ती के द्वारा एक अजीबो-गरीब मांग सामने आई है जिसने सभी को भावुक कर दिया है। मामला हरिद्वार का है जहाँ एक बुजुर्ग दंपत्ति ने अपने ही बेटे बहु पर बच्चा करने की मांग पर मुकदमा दर्ज कर दिया है। उनका कहना है कि या तो उन्हें साल के भीतर पोता-पोती दिए जाये या फिर बेटा-बहु उन्हें 5 करोड़ रूपए मुआवज़ा दे। कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले पिता एसआर प्रसाद ने कहा कि मैंने अपने बेटे की शादी साल 2016 में करवाई थी। हमें उम्मीद थी कि हमें एक पोता मिलेगा। हमें लिंग की परवाह नहीं थी। पोता हो या पोती हमें चलेगा लेकिन हमारे बच्चों ने हमें ही बेदखल कर दिया। एसआर प्रसाद ने बताया कि मैंने अपने बेटे को अपना सारा पैसा दे दिया। उसे अमेरिका भेजकर अच्छी शिक्षा दिलवाई। मेरे पास अब एक भी पैसा नहीं बचा। हमने मकान बनवाने के लिए बैंक से कर्ज लिया था।

उन्होंने कहा कि हम (पति-पत्नी) व्यक्तिगत और आर्थिक रूप से परेशान हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपनी याचिका में अपने बेटे और बहू से अलग-अलग ढाई-ढाई करोड़ रुपये की मांग की है। इधर, वकील एके श्रीवास्तव ने कहा कि ये घटना समाज की सच्चाई को बयां करती है। लोग अपने बच्चों पर निवेश करती हैं। उनको अच्छी नौकरी के योग्य बनाते हैं। बाद में बच्चे अपने माता-पिता की बुनियादी वित्तीय देखभाल भी नहीं करते। माता-पिता ने यहां मांग की है कि या तो 1 साल के भीतर उनको पोता या पोती दी जाए या पांच करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाये। इस केस ने उस सवाल को दोबारा उजागर कर दिया है कि आखिर क्यों जीवन के अंतिम पड़ाव में माता-पिता को अपने बच्चों के खिलाफ अदालत की शरण लेनी पड़ती है।

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Tags: casefiledgrandparentsharidwaruttarakhand
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