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देहरादून और रुद्रपुर में खुलेंगे सैनिक स्कूल, लोग बोले पहाड़ में क्यों नहीं ?

देहरादून – कल एक खबर आई थी जो की इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. खबर का सार यह था की गढ़वाल के देहरादून में और कुमाऊँ के रुद्रपुर में सैनिक स्कूल खुलेंगे. आपको बतातें चलें की प्रदेश का एकमात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में स्थित है. जिसमे दाखिले को लेकर अधिकतर माँ-बाप की कोशिश रहती है लेकिन सिमित संख्या में सीटें होने के कारण ज्यदातर बच्चों को उसमे प्रवेश नही मिल पाता. ऐसे में यह खबर काफी महत्त्व रखती है की प्रदेश में दो नए सैनिक स्कूल खोलने जाने की कवायद शुरू हो गयी है.

मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु अध्यक्षता में हुई बैठक में इन प्रस्तावों पर फैसला ले लिया गया है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के मुताबिक देहरादून में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय और रुद्रपुर में एएन झा इंटर कालेज को सैनिक स्कूल के रूप में चलाने का प्रस्ताव है। जिसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है।

देशभर में खुलेंगे 100 नए सैनिक स्कूल

शिक्षा सचिव के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से देश भर में 100 सैनिक स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्यों से मानकों को पूरा करने वाले स्कूूलों के प्रस्ताव मांगे गए थे। उत्तराखंड में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय देहरादून और एएन झा इंटर कालेज रुद्रपुर सैनिक स्कूल के लिए तकरीबन सभी मानकों को पूरा कर रहे हैं। दोनों का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। प्रस्ताव भेजे जाने के बाद केंद्र की टीम संबंधित स्कूलों का निरीक्षण करेगी।

उत्तराखंड में लोग बोले पहाड़ में क्यों नही खुल रहे सैनिक स्कूल ?

उत्तराखंड की आबादी लगभग 1 करोड़ है अभी तक इतनी बड़ी आबादी पर मात्र एक सैनिक स्कूल होने के कारण कम्पटीशन काफी मुश्किल रहता था, जिस कारण अधिकतर बच्चों को निराशा ही हाथ लगती थी हालाँकि 2 नए सैनिक स्कूल खुलने से प्रदेश के बच्चों को दाखिला मिलने में कुछ आसानी हो जाएगी लेकिन सोशल मीडिया पर इस बात का विरोध हो रहा है की पहाड़ को छोड़कर मैदानी क्षेत्रों में ही क्यों यह स्कूल खोले जा रहे हैं?

सोशल मीडिया यूजर प्रताप अलमिया लिखतें हैं की “पहाड़ी जिलों में उत्तराखंड की जनता नहीं रहती है क्या जबकि देश की रक्षा करने को सिपाही, बड़े बड़े उच्च पदों पर अधिकारी, साइंटिस्ट, खिलाड़ी आदि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों से ही लोग देश में अपनी अपनी सेवाएं देकर भूमिका निभा रहे हैं। फिर ऐसे विद्यालय केवल मैदानी क्षेत्रों में ही क्यों पहाड़ी जिलों में भी खुलने चाहिए।

वही एक यूजर पुष्कर सिंह मेहता ने लिखा की “नेताजी लोको तुम लोग खाली वोट मांगने के लिए पहाड़ों में आ जाना फिर हमारी जनता तुम्हें विधायक बनाएगी फिर तुम विधायक से मंत्री बनोगे उसके बाद अपनी आलीशान कोठियां देहरादून दिल्ली हल्द्वानी ऐसी जगह में बनाओगे वही हर चीज की सुविधा दे रहे हो क्योंकि तुम्हें वहां रहना है जय उत्तराखंड तेरी जय जय कार”

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