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uksssc: परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव, एक परीक्षा पास कर नहीं मिलेगी समूह-ग के पदों पर नौकरी

लगातार बढ़ रहे स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक की घटना के बाद अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग एक पेपर की व्यवस्था को खत्म करने जा रहा है। इस संबंध में आयोग जल्द ही निर्देश जारी करेगा। उत्तराखंड में समूह-ग पदों पर भर्तियां करने वाला अधीनस्थ सेवा चयन आयोग जल्द ही सख्त नकलरोधी कानून लागू करने के साथ साथ परीक्षा पैटर्न में भी बड़ा बदलाव करने जा रहा है। जी हाँ आयोग द्वारा परीक्षा में पेपर लीक की घटना को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

आपको बता दे कि अब तक आयोग जितनी भी भर्तियां करता है, वह केवल एक परीक्षा पर आधारित होती हैं। जिसके बाद परीक्षा पास करने वाले का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है। इसके बाद उनकी अंतिम चयन सूची संबंधित विभागों को भेज दी जाती है। उसी के चलते यह व्यवस्था अब आयोग बदलने जा रहा है। आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि अब टू-टियर एग्जाम व्यवस्था लागू होने जा रही है। यानि किसी भी भर्ती में पहले उम्मीदवारों को प्री परीक्षा पास करनी होगी। जिसके बाद मुख्य परीक्षा पास करनी होगी। तब जा कर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होगा और अंतिम चयन सूची जारी की जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक टू-टियर एग्जाम पैटर्न में जो पहली प्री परीक्षा होगी, उसमें ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाएंगे। अभी तक आयोग सभी परीक्षाओं में केवल यही प्रश्न पूछता है, जिसमें पेपर लीक का खतरा भी ज्यादा होता है। लेकिन अब प्री परीक्षा पास करने वालों को मुख्य परीक्षा देनी होगी, जो कि लिखित प्रकृति की होगी। इसे केवल वही छात्र पास कर पाएंगे जो कि अपने विषय की गहराई से जानकारी रखते हो। इससे नकल करने वाले छात्रों में कमी आ जाएगी।

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