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रिक्त पद ख़त्म करने के निर्णय पर विपक्ष का पलटवार।

3 वर्ष से अधिक समय से रिक्त पद ख़त्म करने की सिफारिश को स्वीकार करने पर विपक्ष ने पलटवार किया है। आपको बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह कहा है कि यदि इस सिफारिश को रद्द नहीं किया गया तो वह तपती धुप में उपवास पर बैठ जायेंगे। साथ ही साथ उन्होंने कहा की भाजपा सरकार ने इस सिफारिश को मान कर महापाप किया है।

हरीश रावत ने सरकार को एक सप्ताह का वक़्त देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के अन्दर सिफारिश रद्द नहीं की गई तो इसके विरोध में तपती दोपहरी में 12 से 1 बजे तक उपवास पर बैठूँगा। गौरतलब है कि बीते दिनों सदन के पटल पर रखी गई रिपोर्ट कारवाई को मान्य करने का निर्णय लिया गया जिसके बाद राजनीती में हलचल लाज़मी थी।

उत्तराखंड में आवश्यक सेवाओं को प्रदान करने वाले और भर्ती में देरी होने वाले विभागों को छोड़कर 3 वर्ष से अधिक समय से रिक्त पद ख़त्म करने का निर्णय लिया गया था, राज्य वित्त आयोग ने सरकार की इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया था, इस बात की जानकारी विधानसभा के पटल पर बुधवार को रखी गई थी, आयोग की कार्यवाही रिपोर्ट से हुआ था, रिपोर्ट के अनुसार खर्च पर नियंत्रण के लिए सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की दरख्वास्त की गई थी जिसे मान्य किया गया था।

आयोग ने 2021 से 26 तक के लिए सरकार को 43 महत्वपूर्ण सिफारिशें की थी, जिन पर सरकार ने कार्रवाई रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी थी, पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में गठित पंचम राज्य वित्त आयोग के द्वारा राज्य सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपी गई थी। जिसमें ऐसे कर्मचारी जिन्हें कहीं समायोजित नहीं किया जा सकता आयोग ने उनके लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना तैयार करने की सलाह दी थी, साथ ही साथ राज्य सरकार की 90 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली सहकारी चीनी मिलों के निजीकरण उन्हें पीपीपी मोड पर चलाने और एथेनॉल प्लांट बदलने की सिफारिशों का भी उल्लेख किया गया था।

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