Headline
शबाना आजमी ने कंगना रनौत को थप्पड़ मारे जाने पर रिएक्शन दिया, कहा- “मैं इस मुद्दे पर…”
नशे में धुत रवीना टंडन पर बुजुर्ग महिला को पीटने का आरोप, वीडियो वायरल
अरविंद केजरीवाल ने किया तिहाड़ जेल में सरेंडर, समर्थकों के लिए भेजा संदेश ।
आखिर क्यों पहुंचे राहुल गांधी सिद्धू मूसेवाला के घर ?
‘राफा पर सभी की निगाहें’ नामक तस्वीर हो रही है सोशल मीडिया पर वायरल। आखिर क्या है इसका मतलब जानिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मुजरा’ बयान ने विवाद उत्पन्न किया है, ‘चिंतित’ विपक्ष ने कहा ‘शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले’।
जनसभा में बोले पीएम मोदी ” शहजादों का शटर गिरने वाला है, बंद होने वाली है दुकाने”
पीएम मोदी के कार्यक्रम में किच्छा के युवक को किया गया नोमिनेट
सुप्रीम कोर्ट की फटकार : हरक सिंह रावत और किशन चंद को कॉर्बेट नेश्नल पार्क मामले में नोटिस

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कड़े शब्दों में कहा, कुंभ जैसे ना हो चारधाम यात्रा के हाल

देहरादून – नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि यदि वह चार धाम यात्रा को चरणबद्ध तरीके से शुरू करती है तो उसके लिए क्या व्यवस्थाएं होंगी। एसओपी क्या होगी और यात्रियों व स्थानीय निवासियों के लिए मेडिकल सुविधाएं और उनकी सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्थाएं होंगी। हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि वह उक्त सभी बिंदुओं पर समय पर निर्णय ले। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली और सचिदानंद डबराल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने उक्त निर्देश सरकार को दिए।

चारधाम यात्रा के हाल कुंभ जैसे न हों। कुंभ में बिना धरातल की हकीकत जाने एक दिन पहले एसओपी जारी की गई। इससे कोरेाना फैला। ये बात बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कही। प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और चारधाम यात्रा के संबंध में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अफसरों के रवैए पर भी नाराजगी जताई। कहा कि, अधिकारी बिना तैयारियों के अंतिम समय में निर्णय ले रहे हैं। इससे उत्तराखंड की छवि खराब हो रही है। अदालत ने कि 21 जून तक चारधाम की नई एसओपी जारी कर सभी रिकॉर्ड के साथ नया शपथपत्र पेश करने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और आलोक वर्मा की खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई में पर्यटन सचिव दिलीप जवालकर ने चारधाम यात्रा के संबंध में शपथपत्र पेश किया। खंडपीठ इससे संतुष्ट नहीं हुई। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा कि सरकार कोरोना कफ्र्यू में 22 जून तक चारधाम यात्रा शुरू नहीं कर रही है। इससे पहले याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि बीते साल चारधाम में तीन लाख 10 हजार 568 श्रद्धालु दर्शन को गए थे। इस वर्ष कोविड की दूसरी लहर काफी भयावह रही है। ऐसे में सरकार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखने की जरूरत है, जिससे तीर्थयात्रा के जरिए फिर कोरोना न फैले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top