Headline
पीएम मोदी के कार्यक्रम में किच्छा के युवक को किया गया नोमिनेट
सुप्रीम कोर्ट की फटकार : हरक सिंह रावत और किशन चंद को कॉर्बेट नेश्नल पार्क मामले में नोटिस
उत्तराखंड के ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में CM धामी ने किया छठवें वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन का शुभारम्भ
उत्तराखंड में निर्माणाधीन टनल धंसने से बड़ा हादसा, सुरंग में 30 से 35 लोगों के फंसे होने की आशंका, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
मशहूर टूरिस्ट स्पॉट पर हादसा, अचानक टूट गया कांच का ब्रिज, 30 फीट नीचे गिरकर पर्यटक की मौत
81000 सैलरी की बिना परीक्षा मिल रही है नौकरी! 12वीं पास तुरंत करें आवेदन
देश के सबसे शिक्षित राज्य में चपरासी की नौकरी के लिए कतार में लगे इंजीनियर, दे रहे साइकिल चलाने का टेस्ट
Uttarakhand: पहली बार घर-घर किया गया विशेष सर्वे, प्रदेश से दो लाख मतदाता गायब, नोटिस जारी
Uttarakhand: धामी सरकार का एलान, राज्य स्थापना दिवस तक हर व्यक्ति को मिलेगा आयुष्मान कवच

पूर्व सीएम हरीश रावत ने लगाये धामी सरकार पर तीन गंभीर आरोप

उत्तराखंड के पूर्व मख्यमंत्री हरीश रावत ने वर्तमान धामी सरकार पर तीन सनसनीखेज आरोप लगायें हैं इन आरोपों में कहा गया है की आचार संहिंता लगने के बाद सरकार ने किसान आयोग और बाल संरक्षण आयोग, महिला आयोग में कई नियुक्तियां की हैं यह आचार संहिता का खुला उलंघन है. यह सनसनीखेज आरोप पूर्व सीएम ने अपनी फेसबुक पोस्ट के ज़रिये लगायें हैं. आइये देखतें है की क्या ख़ास हैं मुद्दों में

आरोप 1 – अपनी फेसबुक पोस्ट में आचार संहिंता लगने वाले दिन हुई नियुक्तियों को लेकर हरीश रावत कहतें है की सरकार ने किसान आयोग और बाल संरक्षण आयोग, महिला आयोग में कई नियुक्तियां की हैं, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष आदि की और ये सारी नियुक्तियां आचार संहिता लागू होने के बाद की गई हैं। क्या ऐसा किया जा सकता है? क्या यह नैतिक आधार पर तो छोड़िए नैतिक आधार तो उचित है, क्या ये आचार संहिता का खुला उल्लंघन नहीं है? धज्जियां उड़ रही हैं। 57 हैं सब कर सकते हैं, वाह रे सत्ता के घमंड।

आरोप 2 – अब रहस्य समझ में आया कि क्यों आबकारी कमिश्नर को हटाया गया? आबकारी कमिश्नर यदि रहते तो सरकार एक ऐसा शासनादेश जिसमें करोड़ों रुपए का खेल हुआ है, नहीं कर पाती। वह शासनादेश आचार संहिता लागू होने के बाद किया गया है, आबकारी विभाग में किया गया है, जिसके जरिए जो उच्च स्पेसिफाइड मदिरा है, उसके विक्रय के लिए कई नियमों को शिथिल करते हुए लोगों को उपकृत किया गया है और सरकार भी उपकृत हुई है।

आरोप 3 – कोऑपरेटिव बैंकों में अब भी नियुक्तियां जारी हैं, हरिद्वार से विरोध आया तो नियुक्तियां रुकी और अब पिछले दरवाजे से नियुक्तियां करने की कोशिश हो रही है। मुझे भरोसा है कि चुनाव आयोग इसका संज्ञान लेगा।

देखें यह विडियो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top