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उत्तराखंड के लोगो ने केंद्र सरकार के सामने रखी यूक्रेन से अपने बच्चे सुरक्षित लाने की मांग

रूस और युक्रेन के बीच युद्ध का वातावरण लगातार देखने को मिल रहा है। ऐसे में वहां मौजूदा सभी लोग अपने अपने बचाव की तैयारी कर रहे है। लेकिन दूसरे देश व राज्यों से युक्रेन आये लोगो के लिए यह बात अब काफी चिंताजनक साबित हो रही है क्योंकि पर्याप्त हवाई सेवा उपलब्ध न होने के कारण लोग वापस अपने देश नहीं लौट पा रहे है। ऐसे में भारत के कई राज्यों में से भी युक्रेन जा कर लोग फस गए है। ऐसे में उत्तराखंड की बात की जाए तो यहाँ से भी तमाम बच्चे पढाई करने के लिए युक्रेन की राजधानी कीव समेत लिवीव, खारकीव जैसे शहरों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए थे लेकिन लगातार रूस और युक्रेन के बीच छिड़ा विवाद जो की अब एक युद्ध का मोड़ लेने वाला है, जिसके कारण वह लोग भी वापस अपनें घर नहीं लौट पा रहे है।

देवभूमि उत्तराखंड से युक्रेन में एम्.बी.बी.एस करने गए छात्रों के परिजनों का केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय पर जम कर गुस्सा फूट रहा है। परिजन चाहते है कि उनके बच्चे सही सलामत अपने घर लौट आये जिसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से भी गुहार लगाई है। लेकिन ऐसी परिस्थिति में केंद्र सरकार द्वारा यूक्रेन से नई दिल्ली के बीच सीधी हवाई सेवा नहीं होने के कारण छात्र अपने घर नहीं पंहुच पा रहे है जिसके कारण उनके परिजन बहुत ही चिंतित नज़र आ रहे है।

इसके अलावा परिजनों के सामने समस्याएँ भी आ कर कड़ी हो गयी है क्योंकि एयर इंडिया की ओर से संचालित फ्लाइट का किराया अचानक से बहुत ही ज्यादा बढ़ा दिया गया है। बताया जा रहा है कि बच्चों को भारत लाने के लिए 70 हजार रुपये किराया लिया जा रहा है, जो बहुुत अधिक है। यहाँ तक कि जो परिजन 70 हजार रुपये का टिकट खरीदने में सक्षम हो भी पाए है उनके बच्चे भी यूक्रेन के कीव, खारकीव व लिवीव जैसे शहरों से सीधी हवाई सेवाएं नहीं होने के कारण वापिस नहीं लौट पा रहे है और गौरतलब है कि तमाम संस्थाओ ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। तमाम संस्थाओ ने इन बच्चों को मोबाइल फोन पर नोटिस जारी कर कहा की वह स्वयं अपना इंतज़ाम करके स्वदेश लौट जाए।

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