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मोरक्को ने स्पेन को घर भेजा, ऐतिहासिक जीत के साथ पहली बार क्वॉर्टर फाइनल में एंट्री

कनाडा में जन्में मोरक्को के छह फीट पांच इंच लंबे गोलकीपर यासिन बोनो ने पूर्व चैंपियन स्पेन को एक भी गोल दागने नहीं दिया और अपनी टीम को ऐतिहासिक जीत दिला दी। कतर में खेले गए मैच में निर्धारित समय तक स्कोर 0-0 रहा। एक्स्ट्रा टाइम में भी दोनों टीमें गोल नहीं कर सकीं। आखिरकार पेनल्टी शूटआउट में मोरक्को ने यासिन के बूते क्वॉर्टर फाइनल में जगह बना ली। पेनल्टी शूटआउट में अब्देलहामिद सबीरी, हकीम जियेच और अशरफ हकीमी ने मोरक्को के लिए गोल किए जबकि बद्र बेनौन चूके गए। स्पेन के पाब्लो सराबिया का पेनल्टी शॉट पोस्ट से टकराया जबकि कार्लोस सोलेर और कप्तान सर्जियो बुस्केट्स की कीक पर मोरक्को के गोलकीपर बोनो ने शानदार बचाव किए।

स्पेन से पहली बार जीता मोरक्को
दोनों टीमों के बीच यह चौथा मुकाबला था और मोरक्को की टीम पहली बार स्पेन को हराने में सफल रही है। इससे पहले तीन मुकाबलों में से स्पेन ने दो में जीत दर्ज की जबकि एक ड्रॉ रहा। स्पेन को 2018 में भी मेजबान रूस ने प्री-क्वॉर्टर फाइनल में इसी तरह शूटआउट में हराया था। मोरक्को ने क्रोएशिया और बेल्जियम वाले ग्रुप में टॉप पर रहने के बाद क्वॉलिफाई किया था। मोरक्को ने पिछले साल की फाइनलिस्ट क्रोएशिया को गोलरहित ड्रॉ पर रोका था जबकि दुनिया की नंबर-2 टीम बेल्जियम को 2-0 से शिकस्त दी थी।

पेनल्टी शूटआउट में स्पेन फिसड्डी

मोरक्को ने स्पेन को 120 मिनट तक रोके रखा और फिर पूर्व चैंपियन को घर का रास्ता दिखा दिया। पेनल्टी शूटआउट में स्पेन का रिकॉर्ड खराब रहा है। उसने वर्ल्ड कप में पांचवीं बार शूटआउट का सामना किया और चौथी बार उसने मैच गंवाया। वह विश्व कप में स्विट्जरलैंड (बनाम यूक्रेन, 2006) के बाद ऐसी पहली टीम रही, जिसने पेनल्टी शूटआउट में एक भी गोल नहीं किया।

मोरक्को ने फुटबॉल विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में बड़ा उलटफेर करते हुए मंगलवार को यहां 2010 की चैंपियन स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में 3-0 से हराकर अंतिम आठ में जगह पक्की की। विश्व कप के इतिहास में यह मोरक्को का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। टीम ने इससे पहले 1986 में प्री-क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया। नियमित और फिर अतिरिक्त समय में मैच गोल रहित छूटने के बाद पेनल्टी शूटआउट में मोरक्को के गोलकीपर यासिन बोनो ने कमाल की एकाग्रता दिखाते हुए शानदार बचाव किये।

विश्व कप के इतिहास में यह मोरक्को का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। टीम ने इससे पहले 1986 में प्री-क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया।नियमित और फिर अतिरिक्त समय में मैच गोल रहित छूटने के बाद पेनल्टी शूटआउट में मोरक्को के गोलकीपर यासिन बोनो ने कमाल की एकाग्रता दिखाते हुए शानदार बचाव किये।

शूटआउट में अब्देलहामिद सबीरी, हकीम जियेच और अशरफ हकीमी ने मोरक्को के लिए गोल किये जबकि बद्र बेनौन चूके गये। स्पेन के पाब्लो सराबिया का पेनल्टी शॉट पोस्ट से टकराया जबकि कार्लोस सोलेर और कप्तान सर्जियो बुसकेट्स के कीक पर मोरक्को के गोलकीपर बोनो ने शानदार बचाव किये।

दोनों टीमों के बीच यह चौथा मुकाबला था और मोरक्को की टीम पहली बार स्पेन को हराने में सफल रही है। इससे पहले तीन मुकाबलों में से स्पेन ने दो में जीत दर्ज की जबकि एक ड्रॉ रहा।
स्पेन की टीम लगातार दूसरी बार विश्व कप के प्री-क्वार्टर फाइनल में पेनल्टी शूटआउट में हार कर बाहर हुई है। पिछली बार (2018) उसे मेजबान रूस ने हराया था।

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