हर ओर से आ रहा ‘हाय महंगाई’ का शोर महंगाई में कमी तो नहीं ला पाया, हाँ लेकिन इस शोर से बाकि चीजों के भी तेवर हाई ज़रूर हो गए है। गर्मियों में सूखते गले को ठंडक पंहुचाने वाला एकमात्र विकल्प निम्बू पानी अब आम जनता के लिए सपने सा होने वाला है, वह सपना जिसे सच करने में अब मन खट्टा होगा। अब तक निम्बू आपके खाने में ही खटास लाने का काम करता था लेकिन अब निम्बू आपके खाने के साथ-साथ आपके मन में और जेब में भी खटास लाने का काम करेगा क्योंकि निम्बू के दाम आसमान को छूते नज़र आ रहे है। लगता है बुरी नज़र से बचाने वाले निम्बू को ही अब महंगाई की नज़र लग गयी है।
इतनी गर्मी और उसमे निम्बू के बढ़ते गरमा-गरम रेट आम आदमी को हैरान-परेशान करने के लिए काफी है। अधिकतम सौ रुपये किलो मिलने वाला नींबू इन दिनों 320 रुपये किलो तक पहुंच गया है। जानकार आने वाले वक्त में नींबू की कीमतों में भारी उछाल की आशंका जता रहे हैं। आपको बता दें की प्रदेश में नींबू का उत्पादन बहुत ज्यादा नहीं होता। सप्लाई दक्षिण भारतीय राज्यों से होती है। मंडी विशेषज्ञों के अनुसार, अभी नींबू चेन्नई और गुजरात से आ रहा है। सप्लाई बहुत कम होने के कारण कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है। वैसे भी इस वर्ष उत्पादन भी काफी कम हुआ है, जिसके कारण आपूर्ति काफी कम हो रही है। निरंजनपुर स्थित बड़ी मंडी में नींबू 240 से 280 रुपये प्रति किलो के दाम पर बिक रहा है। मंडी सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि रमजान और गर्मिंयों में नींबू की डिमांड बढ़ जाती है। हमारे यहां चेन्नई, आंध्रा व बंगलुरु से सबसे ज्यादा सप्लाई होती है जबकि बीच में पड़ने वाले ज्यादातर राज्य अपने उत्पादन का खुद इस्तेमाल करते हैं।
नींबू के दाम चढ़ने का एक कारण और भी है। दक्षिण भारत से उत्तराखंड़ के लिए आ रहे वाहनों को व्यापारी बीच में ही रोककर माल खरीद लेते हैं। दिल्ली, एनसीआर के मार्केट में उसकी काफी अधिक डिमांड है। ऐसे में वो वाहन को माल लेकर उत्तराखंड़ नहीं आने देते और बीच में ही माल बिक जाता है। पहले पेट्रोल-डीजल फिर गैस सिलिंडर और अब निम्बू जैसी सब्जी में भी महंगाई बढ़ना अपने आप में ही सरकार पर तमाम सवाल खड़े कर रही है कि आखिर कब तक जनता को महंगाई की मार का सामना करना होगा? आखिर कब तक निम्बू जैसी छोटी सी चीज़ को खरीदने से पहले-लू या न लू?, कितने लू?, कैसे लूँ? जैसे सवालों से गुजरना होगा?