हल्द्वानी में स्कूल खोलने के सरकार के फैसले के बाद अब निजी विद्यालयों ने भी स्कूल खोलने की तैयारी शुरू कर दी है प्रदेश सरकार द्वारा कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक स्कूलों को 2 अगस्त से खोलने का फैसला लिया है। फिलहाल स्कूल किस तरह खुलेंगे क्या गाइडलाइन होगी इस s.o.p. का सभी इंतजार कर रहे हैं।
उत्तराखंड में पिछले साल आई मार्च में वैश्विक महामारी कोरोनावायरस कोविड-19 के व्यापक प्रकोप के बाद देश घर में लॉकडाउन लगाया गया था धीरे-धीरे हालात सामान्य हुए लेकिन स्कूलों को ऑनलाइन ही चलाया गया दूसरी लहर के बाद अब जब स्थितियां सामान्य होने लगी तो सरकार ने कक्षा छठी से लेकर 12वीं तक स्कूल खोलने का फैसला लिया है लिहाजा जल्द उसके लिए एसओपी भी जारी की जाएगी।
निजी विद्यालयों के संचालकों का कहना है कि सरकार अगर s.o.p. जारी करें तो स्कूल भी अपनी तैयारियां शुरू करें क्योंकि ट्रांसपोर्ट शुरू करने में समय लगेगा अधिकांश स्कूलों के वाहन आरटीओ में सरेंडर किए हुए है।
उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों में दो पालियों में चलेंगे स्कूल
प्रदेश में दो अगस्त से कक्षा छह से 12 तक विद्यार्थियों के लिए खुल रहे विद्यालयों में कोविड-19 के मद्देनजर सुरक्षा मानकों का पालन किया जायेगा। विद्यालयों को खोलने से पहले ही साफ-सफाई व सैनिटाइज कराने के निर्देश शिक्षा सचिव राधिका झा ने दिये। मैदानी जिलों में अधिक छात्र संख्या देखते हुए विद्यालयों को दो पालियों में संचालित करने की कार्ययोजना मुख्य शिक्षाधिकारी बनाएंगे। इससे विद्यालयों में सुरक्षित शारीरिक दूरी मानक का पालन कराया जा सकेगा।
सचिवालय में बुधवार को शिक्षा सचिव राधिका झा ने विभागीय समीक्षा की। विद्यालयों को खोलने से पहले सभी मुख्य शिक्षाधिकारियों, जिला शिक्षाधिकारियों, खंड शिक्षाधिकारियों एवं उप शिक्षाधिकारियोंकी विद्यालयों में कोरोना से सुरक्षा मानकों के पालन के लिए जवाबदेही तय कर दी गई है। सचिव ने कहा कि विद्यालय खोलने से पहले स्वच्छता, पेयजल, शौचालय, सैनिटाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने अधिक संख्या में शिक्षकों, भोजनमाताओं और शैक्षणिक व शिक्षणेत्तर कार्मिकों का टीकाकरण कराने के निर्देश भी दिये।
उन्होंने बताया कि शिक्षा महानिदेशक विद्यालयों में कोविड गाइडलाइन का पालन कराने के लिए चिकित्सा विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के समन्वय से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेंगे। विद्यालयों में मास्क के इस्तेमाल और सुरक्षित शारीरिक दूरी, सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। विद्यालयों को इसकी तैयारी करने और इस व्यवस्था को दिनचर्या का हिस्सा बनाने के निर्देश भी दिए गये हैं। आफलाइन के साथ आनलाइन पढ़ाई की सुविधा विद्यार्थियों को दी जाएगी। गैर हाजिर विद्यार्थियों को मोबाइल फोन से जोड़कर आनलाइन शिक्षा मुहैया कराई जाएगी।